खाद्य सुरक्षा एवं औषधि प्रशासन विभाग एवं एसटीएफ की संयुक्त कार्रवाई में बड़ी मात्रा में ऑक्सीटोसिन इंजेक्शन की खेप पकड़ी गई है। इसकी कीमत करीब 1 करोड़ 38 लाख रुपये बताई जा रही है। यह खुले बाजार में प्रतिबंधित है। यह बिहार से उत्तर प्रदेश लाई गई थी। प्रदेश में कुछ दिनों से ऑक्सीटोसिन इंजेक्शन सप्लाई की शिकायत मिल रही थी। मुखबिर की सूचना पर एसटीएफ लखनऊ और खाद्य सुरक्षा एवं औषधि प्रशासन लखनऊ द्वारा 14 अगस्त की शाम शहीद पथ पर बंगला बाजार में तेली बाजार जाने वाले मार्ग पर जांच की गई। खाद्य सुरक्षा एवं औषधि प्रशासन विभाग के सहायक आयुक्त बृजेश कुमार, ड्रग इंस्पेक्टर सन्देश मौर्य एवं नीलेश कुमार, एसटीएफ लखनऊ के इंस्पेक्टर विनोद कुमार सिंह, आरक्षी अशोक गुप्ता आदि ने बंगला बाजार चौराहे से तेली बाग की तरफ जाने वाली रोड पर पहुंचे तो वहां पर खड़ी सफेद रंग की स्कॉर्पियो गाड़ी UP32 GR 9609 की जांच की। जिसके अंदर दो व्यक्ति बैठे थे। स्कॉर्पियो गाड़ी के अन्दर बैठे व्यक्तियों से पूछताछ करने पर एक ने अपना नाम अनमोल पाल निवासी मायापुरम बुद्धेश्वर, लखनऊ एवं दूसरे ने अपना नाम दिनेश पाल निवासी संडीला हरदोई बताया। गाड़ी के अंदर अवैध ऑक्सीटोसिन इंजेक्शन का भंडारण पाया गया। पूछताछ के दौरान उनके द्वारा बताया गया कि उनके घर मायापुरम बुद्धेश्वर के सामने प्लाट के अंदर बने कमरे में और भी माल रखा है। अभियुक्तों द्वारा बताए गए स्थान पर टीम पहुंची तो वहां पर कमरे के अंदर भारी मात्रा में अवैध ऑक्सीटोसिन इंजेक्शन मिले। सभी की जांच की गई। 30 बॉक्स एवं 06 बोरी का (2,67,000 एम्पुल, 12,627 वायल 30 एमएल, 1260 वायल 100 एमएल) भंडारण पाया गया। सभी अवैध ऑक्सीटोसिन इंजेक्शन को नियमानुसार फार्म-16 पर सीज किया गया। मौके पर 04 अवैध ऑक्सीटोसिन इंजेक्शन के नमूने जांच के लिए भेजे गए। सीज की गयी अवैध ऑक्सीटोसिन इंजेक्शन का कुल मूल्य लगभग 1,38,00,000 रुपये बताया जा रहा है। टीम द्वारा थाना आशियाना मे स्कॉर्पियो गाड़ी नंबर UP32 GR 9609 को सीज कर जमा किया गया। अभियुक्त अनमोल पाल एवं दिनेश पाल के खिलाफ रिपोर्ट दर्ज कराई गई है। उन्हें गिरफ्तार कर लिया गया है।